Nepal Violence Latest Update: अरे यार, सुना क्या नेपाल में क्या चल रहा है? मामला एकदम गरमाया हुआ है। अभी मैं आपको वो सब बताऊंगा जो अभी हो रहा है। काठमांडू की सड़कों पर आजकल शांति नहीं, बल्कि बवाल मचा हुआ है। जो लोग राजशाही वापस लाना चाहते हैं, वो लोग सड़कों पर उतर आए हैं और भाईसाब, हालात बिगड़ गए हैं प्रदर्शन के बाद। चलो, पूरा मामला समझते हैं।

काठमांडू में जम के हंगामा!
तो बात ये है कि नेपाल में, ख़ासकर काठमांडू में, ज़बरदस्त हिंसा हुई है। जो लोग राजा को वापस गद्दी पर देखना चाहते हैं, यानी राजशाही समर्थक, वो लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं। और ये प्रोटेस्ट कोई शांति वाला नहीं रहा।
- खबरों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने जमकर पत्थरबाज़ी की है।
- सिर्फ यही नहीं, आगजनी भी हुई है – मतलब गाड़ियों को, बाइक्स को, यहाँ तक कि बिल्डिंगों में भी आग लगा दी गई, तोड़फोड़ की गई। तस्वीरें देख कर होश उड़ जाएँ!
- हालात इतने बिगड़े कि कुछ इलाकों में तो कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था।
Nepal Violence Latest Update Highlights: क्या चल रहा है नेपाल में?
मुख्य बातें (Highlights) |
काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन |
मांग: राजशाही बहाली और हिन्दू राष्ट्र |
गाड़ियों और इमारतों में आगजनी, तोड़फोड़ |
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह नज़रबंद (खबरों के अनुसार) |
भारी सुरक्षा बल तैनात, तनाव का माहौल |
आखिर क्यों हो रहा है ये सब बवाल?
आप सोच रहे होंगे कि अचानक ये सब क्यों? देखो, इसकी जड़ें थोड़ी गहरी हैं। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें दो हैं:
- राजशाही की बहाली: वो चाहते हैं कि राजा का शासन वापस आए। नारे लग रहे हैं – “राजा आओ देश बचाओ!”
- नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करो: उनका कहना है कि नेपाल पहले हिन्दू राष्ट्र था, और उसे वापस वैसा ही बनना चाहिए।

लोगों में गुस्सा इस बात का भी है कि जब से राजशाही ख़त्म हुई है (करीब 2008 से), तब से देश में राजनीतिक अस्थिरता बहुत बढ़ गई है। सोचो, 18 साल में 13 सरकारें! लोगों का ये भी आरोप है कि नेता लोग भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं और देश की अर्थव्यवस्था भी डांवाडोल है। इसीलिए कुछ लोगों को लगता है कि राजा का शासन ही बेहतर था।
सरकार क्या कर रही है? और अभी क्या हाल है?
सरकार भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी है।
- कई प्रदर्शनकारियों और नेताओं की गिरफ्तारी हुई है, खासकर उन पार्टियों के जो राजा के समर्थक माने जाते हैं।
- ख़बरें तो ये भी हैं कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। कहा जा रहा है कि उन्हें नज़रबंद (house arrest) कर दिया गया है और उनके महल की तरफ जाने वाले रास्तों पर आर्मी तैनात है। जगह-जगह बंकर बना दिए गए हैं, और आने-जाने वालों की चेकिंग हो रही है।
- यही नहीं, काठमांडू महानगर पालिका ने प्रदर्शन में हुए नुकसान के लिए पूर्व राजा को नोटिस भेजकर भरपाई करने को भी कहा है (लगभग 93,000 नेपाली रुपये का ज़िक्र है, पर ये रकम थोड़ी अजीब लग रही है, हो सकता है इसमें कुछ और बात हो)।
अभी का Nepal Violence Latest Update ये है कि माहौल काफी तनावपूर्ण है। सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस और आर्मी तैनात है ताकि हिंसा दोबारा न भड़के। लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज़ उठा रहे हैं, मतलब मामला सिर्फ राजशाही का नहीं, बल्कि सरकार के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं।
आगे क्या?
कुछ हिन्दू संगठनों ने सरकार को चेतावनी (ultimatum) भी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो और उग्र प्रदर्शन करेंगे। मतलब आने वाले कुछ दिन नेपाल के लिए बहुत ज़रूरी होने वाले हैं। देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है। क्या नेपाल में फिर से राजशाही लौटेगी? क्या नेपाल फिर हिन्दू राष्ट्र बनेगा? ये सब सवाल अभी हवा में हैं।
तो ये थी पूरी कहानी नेपाल में चल रहे बवाल की। उम्मीद है आपको पूरा मामला समझ आ गया होगा। सारी जानकारी यहीं मिल गयी ना? कहीं और जाने की ज़रूरत नहीं!
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FAQ Related To Nepal Violence Latest Update
मुख्य रूप से दो मांगों को लेकर प्रदर्शन हो रहा है: राजशाही की बहाली (राजा का शासन वापस लाना) और नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना। इसके अलावा, लोग मौजूदा सरकार से राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और ख़राब अर्थव्यवस्था को लेकर भी नाराज़ हैं।
उनकी दो सबसे बड़ी मांगें हैं: पहला, 2008 में ख़त्म हुई राजशाही को वापस लाया जाए, और दूसरा, नेपाल को फिर से आधिकारिक रूप से हिन्दू राष्ट्र का दर्जा दिया जाए।
हाँ, बिलकुल! नेपाल में लगभग 240 सालों तक शाह वंश की राजशाही चली थी। इसे 2008 में ख़त्म करके नेपाल को एक गणतंत्र घोषित किया गया था।