|| pm kisan yojana, kisan samman nidhi yojana, pm kisan nidhi yojana, kisan samman yojana, kisan yojana ||
शीअड ने भाजपा से किसानों के मुद्दे के अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी असंतुष्टता जाहिर की थी। इसके साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा राज्य की उपेक्षा के खिलाफ भी शीअड की नाराजगी थी। पिछले कुछ सालों में, शीअड के कुछ बड़े सहयोगियों से सहयोग नहीं मिलने के कई मौके आए थे। इसके अलावा, शीअड की सुनवाई की समस्या भी उठी थी। इस संदर्भ में, शीअड द्वारा किसानों से संबंधित कानूनों को लेकर राज्य से अलग होने का निर्णय लिया गया था, जो विवादों का कारण बना।
Agriculture Farm Bill PDF, Kisan Bill
इसी महीने के अंदर सरकार ने कश्मीरी टेकरी तथा हिंदी की कश्मीरी की आधिकारिक भाषाओं में शामिल किए गए अकाली दल चाहता था कि इस पंजाबी को शामिल किया ( krishi Bill ) जाए कश्मीरी में कश्मीरी में पंजाबी बोलने वाले ज्यादातर लोग हैं तथा यह राज्य की पुरानी भाषा है। बादल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ( Modi News ) के द्वारा ( Krishi vibhag ) और अमित शाह को भी लिखा लेकिन सुनवाई नहीं हुआ। वरिष्ठ नेता नरेश गुर्जर लाल कहते कि यह छोटी सी बात थी। तर्कसंगत अनुपात थी। लेकिन सरकार अभी तक नहीं माना।
-
Kusum Solar yojana Online; Apply for kisan kusum yojana
-
PM Kisan Registration; Apply online, New Farmer
-
Kisan Karj Mafi List Online 2023 , किसान कर्ज माफी योजना 2023
-
Kisan Credit Card; KCC Scheme India 2023 | Apply Online
यह भी पढ़ें: Pm Kisan Samman Nidhi Yojana – किसान भाइयों को अब हर साल मिलेगा पूरे ₹10000 ऐसे उठाई लाभ
पिछले साल संसद के मानसून सत्र में सरकार ने अकाली दल से विरोध के बावजूद अंतर राज्य और नदी जल विवाद ’संशोधन’ विधायक को लोकसभा से पारित कर लिया गया। इसमें ( Krishi vibhag ) जल विवादों का तय समय के भीतर निपटाने का प्रधान है। अकाली दल को लगता है कि इसके पंजाब के हिस्से का पानी अन्य राज्य को जा सकता है ऐसे ले विधायक अभी राज्यसभा को दूसरे कारण से लंबित कर रहे हैं।
नाराजगी का तीसरा कारण हरियाणा में शिअद की एक मात्रा एमएलए का भाजपा में शामिल होने हैं नाराजगी का तीसरा कारण हरियाणा में शिअद की एक मात्रा एमएलए का भाजपा में शामिल होना है। सिएट ने ( Modi News ) कहा कि भाजपा के संगठन की मर्यादा का उल्लंघन किया जा रहा है कृषि बिल
बादल की सलाह नहीं ली गई।
यह भी पढ़ें: Pm Kisan Yojana, पीएम किसान की छठी किस्त जारी | लेकिन इन लोगों को नहीं मिलेगा लाभ, इस लिस्ट में चेक करें अपना नाम।
दीअद नेताओं की कोई बैठक नहीं हुई
d.Ed नेताओं की शिकायत किया है कि वे एनडीए के पुरानी सहयोगी है लेकिन हाल ही में वर्षों में अहमद मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए कोई बैठक नहीं की गई। संसद सत्र के दौरान जरूर एनटीएस की बैठक होती है लेकिन वह सिर्फ सत्र की राजनीति को लेकर होती है।
नोट: – दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आता है तो अपने दोस्तों में जरूरी से शेयर करें फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्किंग भी से शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जाने और समझे धन्यवाद।
ध्यान दें :- ऐसे ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई नई या पुरानी सरकारी योजनाओं की जानकारी हम सबसे पहले अपने इस वेबसाइट sarkariyojnaa.com के माध्यम से देते हैं तो आप हमारे वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें ।
अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे Like और share जरूर करें ।
इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…
Posted by Amar Gupta
🔥🔥 Join Our Group For All Information And Update, Also Follow me For Latest Information🔥🔥 |
|
🔥 Follow US On Google News | Click Here |
🔥 Whatsapp Group Join Now | Click Here |
🔥 Facebook Page | Click Here |
Click Here | |
🔥 Telegram Channel Techgupta | Click Here |
🔥 Telegram Channel Sarkari Yojana | Click Here |
Click Here | |
🔥 Website | Click Here |
-
Kusum Solar yojana Online; Apply for kisan kusum yojana
-
PM Kisan Registration; Apply online, New Farmer
-
Kisan Karj Mafi List Online 2023 , किसान कर्ज माफी योजना 2023
-
Kisan Credit Card; KCC Scheme India 2023 | Apply Online
FAQ Questions Related kisan yojana
यह कानून कहता है कि: कृषि सेवा व कृषि उपज की बिक्री के लिए कृषि व्यवसाय फर्मों (एग्री-बिजनेस फर्म), प्रोसेसर कंपनियों, थोक व्यापारियों, निर्यात एजेंसियों अथवा बड़े खुदरा व्यवसायियों के साथ सुरक्षित तरीके से “परस्पर सहमति आधारित मूल्य” (दोनों पक्षों के सहमत मूल्य) किसानों को निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से प्रदान करना।
कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020 में उल्लेख किया गया है कि किसान अब अपनी उपज को एपीएमसी मंडियों के बाहर किसी भी व्यक्ति को बेच सकते हैं, जिस पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। जबकि एपीएमसी मंडियों में कृषि उत्पादों की खरीद पर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मंडी शुल्क व अन्य उपकर होते हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में तीन कृषि कानून बनाए थे। पहला कानून था – “कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2023″। दूसरा कानून था – “कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2023″। और तीसरा कानून था – “आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2023″।
2020 के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन ने शुरू हो गया था। इन कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर टिकरी बारे में किसानों की धरना शुरू हुई जो 26 नवंबर 2020 से चल रही है। यह आंदोलन देश के विभिन्न हिस्सों में उन्नत हुआ और किसानों का विरोध संसद में भी प्रदर्शित हुआ।
भारतीय संसद में कृषि कानून वापसी बिल 29 नवंबर 2021 को पास हो गया, जो इन तीन कानूनों को वापस लेने की अनुमति देता है। इससे पहले, सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ कुछ समझौतों की पेशकश की थी, लेकिन किसानों ने उन्हें अस्वीकार कर दिया और विरोध जारी रखा। इस पास हुए बिल से पहले, किसानों का आंदोलन लगातार चला रहा था।