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Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, लॉगइन

By Amar Kumar

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Paramparagat Krishi Vikas Yojana (परंपरागत कृषि विकास योजना) 2023 Apply Online :- परंपरागत खेती की तुलना में जैविक खेती सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक है जैविक खेती में कम कीटनाशकों का उपयोग होता है और इसके अलावा जैविक खेती भूजल और सत्ता पानी में नाइट्रेट की लॉन्चिंग भी कम करती है इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहता है जिसके लिए सरकार के द्वारा बहुत से ऐसे योजनाओं को लॉन्च किया गया है और इसी तरह उन सभी किसान भाइयों के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना का शुभारंभ किया गया जिससे कि सभी किसान भाई जैविक खेती करके स्वस्थ फसल का उपजाऊ कर सके। Paramparagat Krishi Vikas Yojana के माध्यम से सभी किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता की जाती है आज हम आप सभी को अपनी शादी कल के माध्यम से आपको इस योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया से जुड़ी सारी जानकारी देने जा रहे हैं इसके अलावा आपको इस योजना का उद्देश्य क्या है इसकी विशेषताएं क्या है इसके लाभ क्या है आवेदन के लिए पात्रता क्या है महत्वपूर्ण दस्तावेज कौन-कौन से लगेंगे इत्यादि सभी जानकारी आप सभी को हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से देने जा रहे हैं तो अगर आप भी जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

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Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023, परंपरागत कृषि विकास योजना

Table of Contents

paramparagat krishi Vikas Yojana 2023

परंपरागत कृषि विकास योजना को सॉइलहेल्थ योजना के तहत आरंभ किया गया है इस योजना के माध्यम से जैविक खेती करने के लिए सभी किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता भी की जाएगी इस योजना के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक विज्ञान के माध्यम से जैविक खेती के अस्थाई मॉडल का विकसित किया जाएगा। bका मुख्य उद्देश्य है कि मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना और इस योजना के माध्यम से कलस्टर निर्माण क्षमता निर्माण आज दिनों के लिए प्रोत्साहन मुल्यवर्धन और विवरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना इस योजना को सन 2015 से लेकर 16 में रासायनिक मुक्त जैविक खेती को कलस्टर मोड के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया था।

परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता

इस योजना के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनो के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए ₹50000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्ष की के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से ₹31000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्ष जैविक पदार्थों जैसे कि जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों आदि की खरीद के लिए प्रदान किया जाता है। इसके अलावा मूल्यवर्धन और विपरण के लिए ₹8800 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है। Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के माध्यम से पिछले 4 वर्षों में ₹1197 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए ₹3000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। जिसमें एक्स्पोज़र विजिट और फील्ड कर्मियों के प्रशिक्षण शामिल है। यह राशि किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से वितरित की जाती है।

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इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक क्लस्टर के लिए 14.95 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मोबिलाइजेशंस, मनूर मैनेजमेंट, एवं पीजीएस सर्टिफिकेट के एडॉप्शन के लिए प्रदान की जाएगी। 50 एकड़ या 20 हेक्टेयर के क्लस्टर के लिए अधिकतम ₹1000000 की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। खाद प्रबंधन और जैविक नाइट्रोजन संचयन की गतिविधियों के अंतर्गत प्रत्येक किसान को अधिकतम ₹50000 की राशि प्रति हेक्टेयर उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा कुल सहायता में से 4.95 लाख रुपए प्रति क्लस्टर पीजीएस प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण को जुटाने और अपनाने के लिए कार्यान्वयन एजेंसी को मुहैया कराए जाएंगे।

Ministry of Agriculture & Farmers Welfare PressRelease

Direct Press Release Downlod Link

Ministry of Agriculture & Farmers Welfare PressRelease

key highlights of paramparagat krishi Vikas Yojana 2023

🔥 योजना का नाम 🔥 परम्परागत कृषि विकास योजना
🔥 किसने आरंभ की 🔥 भारत सरकार
🔥 लाभार्थी 🔥 किसान
🔥 उद्देश्य 🔥 जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
🔥 आधिकारिक वेबसाइट 🔥 https://pgsindia-ncof.gov.in/PKVY/Index.aspx
🔥 साल 🔥 2023
🔥 आवेदन का प्रकार 🔥 ऑनलाइन/ऑफलाइन
🔥 वित्तीय सहायता 🔥 ₹50000

परम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य

परंपरागत कृषि विकास योजना – इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने में भी लाभकारी साबित होगी। इसके अलावा परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 के माध्यम से रसायनिक मुक्त एवं पौष्टिक भोजन का उत्पादन हो सकेगा क्योंकि जैविक खेती में कम कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। परम्परागत कृषि विकास योजना देश के नागरिकों की सेहत में सुधार करने के लिए भी उपयोगी साबित होगी। इस योजना को जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी आरंभ किया गया है।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत मॉडल ऑर्गेनिक क्लस्टर्ड डिमॉन्सट्रेशन

मॉडल ऑर्गेनिक क्लास स्टडी मनस्ट्रेशन के माध्यम से जैविक खेती की आधुनिक तकनीक के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी जिससे कि ग्रामीण युवा, किसान, उपभोक्ता एवं व्यापारी जैविक खेती कर सकें। यह जागरूकता परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से लागू की जाएगी। इस योजना के कार्यान्वयन एजेंसी नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग, पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम, पंजीकृत क्षेत्रीय परिषद और डीएसी और F.W. के अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन होंगे। इस योजना के अंतर्गत रिमॉन्सट्रेशन एक्सपर्ट एवं साइंटिस्ट की निगरानी में आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा एक प्रोजेक्ट डिमॉन्सट्रेशन टीम का भी गठन किया जाएगा जिससे कि इस योजना का बेहतर कार्यान्वयन किया जा सके।

योजना के अंतर्गत मॉडल ऑर्गेनिक फार्म

  • मॉडल ऑर्गेनिक फार्म के माध्यम से परंपरिक भूमि को एक हेक्टेयर के जैविक कृषि पद्धति में परिवर्तित किया जाएगा।
  • इसके अलावा किसानों को विभिन्न नवीनतम तकनीकों से संबंधित भी जानकारी प्रदान की जाएगी। जिससे कि वे जैविक खेती कर सकें।
  • प्रति एक संगठन को न्यूनतम 1 वर्ष में अधिकतम तीन मॉडल आवंटित किए जाएंगे।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लाभ

  • परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) के माध्यम से किसानों नागरिकों को ऑर्गनिक रूप में खेती करने का अवसर मिलेगा।
  • यह कृषि से संबंधी उत्पादों को जैविक रूप में खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती है।
  • Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत मिटटी की उर्वरता को एक विशेष प्रकार का बढ़ावा मिलेगा।
  • PKVY Scheme 2023 के माध्यम से किसान नागरिकों को ऑर्गनिक रूप में खेती करने के लिए आर्थिक सहयोग सरकार के द्वारा प्रदान किया जायेगा।
  • किसान नागरिकों को 88 सौ रूपए मूल्य वर्धन एवं वितरण के लिए प्रदान किया जायेगा।
  • 3 वर्ष की अवधि के लिए किसान नागरिकों को Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत 50 हजार प्रति हेक्टयेर के अनुसार सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
  • परम्परागत कृषि विकास योजना के कार्यन्वयन के लिए पिछले 4 सालो की अवधि में 1197 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गयी है।
  • क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए 3 हजार रूपए की राशि प्रति हैक्टेयर के अनुसार प्रदान की जाएगी।
  • किसान नागरिकों के बैंक खाते में Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 से मिलने वाली सहायता राशि को उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किया जायेगा।
  • किसान नागरिकों को पीकेवीआई के माध्यम से बीजों कीटनाशकों ,जैविक उर्वरक हेतु 31 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है।
  • वर्ष 2015-16 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा कैमिकल्स से मुक्त जैविक खेती को क्लस्टर रुप में बढ़ावा देने के लक्ष्य से Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 को शुरू किया गया है।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana की मुख्य विशेषताएं

  • जैविक खेती के लिए चुना गया क्लस्टर 20 हेक्टेयर या 50 एकड़ की सीमा में और जितना संभव हो उतना सन्निहित रूप में होना चाहिए।
  • 20 हेक्टेयर या 50 एकड़ क्लस्टर के लिए उपलब्ध कुल वित्तीय सहायता अधिकतम 10 लाख रुपए होगी।
  • एक क्लस्टर में किसानों की कुल संख्या में कम से कम 65% किसानों को लघु और सीमांत श्रेणी के लिए आवंटित किया जाएगा।
  • इस योजना के अंतर्गत बजट आवंटन का कम से कम 30% महिला लाभार्थी/किसानों के लिए निर्धारित करना आवश्यक है।

पिछले 4 वर्षों में दी जाने वाली वित्तीय सहायता

साल बजट एस्टीमेट (crore) रिवाइज्ड एस्टीमेट (crore) रिलीज (crore)
2017-18 350 250 203.46
2018-19 360 335.91 329.46
2019-20 325 299.36 283.67
2020-21 500 350 381.05
कुल 1535 1235.27 1197.64

परंपरागत कृषि विकास योजना का कार्यान्वयन

  • राष्ट्रीय स्तर कार्यान्वयन:- प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना को इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट के ऑर्गेनिक फार्मिंग सेल के माध्यम से कार्य वर्णित किया जाएगा और इसके अलावा इस योजना के दिशा निर्देश नेशनल एडवाइजरी कमिटी के ज्वाइंट डायरेक्टर के माध्यम से तैयार किया जाएगा राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना का कार्यान्वयन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव एंड फार्मर वेलफेयर के माध्यम से किया जाएगा।
  • राज्य स्तर कार्यान्वयन:- राज्य स्तर पर इस योजना के अंतर्गत कार्यान्वयन राज्य कृषि व सहकारिता विभाग के द्वारा किया जाएगा विभाग के द्वारा पंजीकृत क्षेत्रीय परिषदों में भागीदारी के साथ ही इस योजना को लागू किया जाएगा।
  • जिला स्तरीय कार्यान्वयन:- इस योजना का जिला स्तरीय कार्यान्वयन रीजनल काउंसलिंग के माध्यम से किया जाएगा यह किस जिले में एक या एक से अधिक डिजिटल काउंसलिंग भी हो सकते हैं जो सोसायटी एक्ट पब्लिक ट्रस्ट एक्ट कॉपरेटिव एक्ट रिया कंपनीज एक्ट के अंदर रजिस्टर्ड होंगे।
  • जिला स्तरीय कार्यान्वयन:- इस योजना का जिला स्तरीय कार्य नाइन रीजनल काउंसलिंग के माध्यम से किया जाएगा यह किस जिले में एक या एक से अधिक रीजनल काउंसिल भी हो सकते हैं जो सोसाइटीज एक्ट पब्लिक ट्रस्ट एक्ट कॉपरेटिव एक्ट या कंपनीज एक्ट के अंदर रजिस्टर्ड होंगे।

Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत एनुअल एक्शन प्लान

  • परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत पीजिएस सर्टिफिकेशन एवं क्वालिटी कंट्रोल 3 वर्ष का प्रोग्राम है। जिसके लिए रीजनल काउंसिल को अपना एक्शन प्लान जमा करना होगा।
  • यह एक्शन प्लान स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर को जमा किया जाएगा।
  • एक्शन प्लान के अप्रूवल के पश्चात राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान कर दी जाएगी।
  • वित्तीय सहायता प्राप्त होने के पश्चात रीजनल काउंसिल द्वारा लोकल ग्रुप एवं किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।
  • एनुअल एक्शन प्लान रीजनल काउंसिल द्वारा मार्च में जमा किया जाएगा।
  • मई तक एक्शन प्लान का अप्रूवल केंद्र सरकार द्वारा प्रदान कर दिया जाएगा एवं मध्य मई में वित्तीय सहायता रीजनल काउंसिल को प्रदान कर दी जाएगी।

परम्परागत कृषि विकास योजना के पात्रता मानदंड

  • भारत के सभी मूल निवासी किसान नागरिक PKVY Scheme में आवेदन करने हेतु पात्र माने जायेंगे।
  • किसान नागरिक की आयु Paramparagat Krishi Vikas Yojana हेतु 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  • केवल किसान श्रेणी के नागरिक ही योजना हेतु आवेदन करने के पात्र माने जायेंगे।
  • परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 में आवेदन करने के किसान व्यक्ति के पास सभी प्रकार के आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए।

PKVY Scheme 2023 के दस्तावेज

  • मूल निवास प्रमाण पत्र
  • पहचान पत्र
  • आधार कार्ड
  • मोबाइल नंबर
  • राशन कार्ड
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • आवेदक किसान नागरिक की पासपोर्ट साइज फोटो

परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया

  • सबसे पहले आपको परंपरागत कृषि विकास योजना की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
    Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023, परंपरागत कृषि विकास योजना
  • इसके बाद आपके सामने इसका होम पेज खुल कर आ जाएगा।
  • इस के होम पेज पर आपको अप्लाई नाउ का ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद आपके सामने आवेदन पत्र खुलकर आ जाएगा।
  • आपको इस आवेदन पत्र में पूछे गए सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपका नाम मोबाइल नंबर ईमेल आईडी इत्यादि सभी जानकारी दर्ज करनी होगी।
  • इसके बाद आपसे सभी महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
  • इसके बाद आपको सबमिट की ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • इस प्रकार से आप परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत आवेदन करने में सक्षम हो सकते हैं।

परंपरागत कृषि विकास योजना पोर्टल पर लॉगइन करने की प्रक्रिया

  • सबसे पहले आपको परंपरागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • इसके बाद आपके सामने इसका होम पेज खुल कर आ जाएगा।
  • इसके बाद आपको लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • अब आपके सामने डायलॉग बॉक्स खुलकर आ जाएगा।
  • आपको इस डायलॉग बॉक्स में अपना यूजर नेम पासवर्ड तथा कैप्चा कोड दर्ज करना होगा।
  • इसके बाद आपको लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  • इस प्रकार से आप पोर्टल पर लॉगिन कर सकते हैं।

कांटेक्ट डिटेल्स देखने की प्रक्रिया

  • सबसे पहले आपको परंपरागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • इसके बाद आपके सामने इसका होम पेज खुल कर आएगा।
  • इस के होम पेज पर आपको कांटेक्ट अस के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
    Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023, परंपरागत कृषि विकास योजना
  • इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल कर आ जाएगा।
  • इस पेज पर आप कांटेक्ट डिटेल्स आसानी से देख सकते हैं।

सारांश (Summary)

जैसा कि आर्टिकल लेख में हमने आपसे परंपरागत कृषि विकास योजना 2023 से संबंधित सभी जानकारी साझा की है, यदि आपको इन जानकारियों के अलावा कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी सवालों के जवाब अवश्य दिए जायेंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से सहायता मिलेगी।

ध्यान दें :- ऐसे ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई नई या पुरानी सरकारी योजनाओं की जानकारी हम सबसे पहले अपने इस वेबसाइट Sarkariyojnaa.Com के माध्यम से देते हैं तो आप हमारे वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें ।

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इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…

Posted by Amar Gupta

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FAQ Questions Related From Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023

✔️ परम्परागत कृषि विकास योजना क्या है?

Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए ₹50000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस राशि में से ₹31000 प्रति हेक्टेयर की राशि जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों आदि के लिए प्रदान किए जाएंगे। मूल्यवर्धन एवं वितरण के लिए ₹8800 रुपया प्रदान किए जाएंगे। योजना के माध्यम से किसान भाईयों को जैविक खेती करने का लक्ष्य सरकार ने प्रदान किया है। जैविक खेती के माध्यम से कृषि क्षेत्र का विकास और अधिक बढ़ पायेगा और अच्छी गुणवणता वाली मिटटी की उवर्रता बढ़ेगी।

✔️ परम्परागत कृषि विकास योजना के उधेश्य क्या है?

Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना है। इस योजना के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनो के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने में भी लाभकारी साबित होगी। इसके अलावा परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 के माध्यम से रसायनिक मुक्त एवं पौष्टिक भोजन का उत्पादन हो सकेगा क्योंकि जैविक खेती में कम कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है।

✔️ पारंपरिक कृषि कैसे की जाती है?

पारंपरिक कृषि प्रकृति पर निर्भर थी जिसमें किसान हल और बैलों का उपयोग करता था । खेत की उर्वरता बढ़ाने के लिए देशी गोबर की खाद या सनई और ढैंचे की हरी खाद का प्रयोग करता था । सिंचाई के लिए मौसम पर बहुत अधिक निर्भरता थी । कुओं और तालाबों के पानी से सिंचाई की जाती थी ।

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✔️ परंपरागत कृषि से आप क्या समझते हैं?

पारंपरिक खेती से फसलें ताजी और शुद्ध होंगी क्योंकि वे हानिकारक उर्वरकों के उपयोग के बिना उगाई जाती हैं। पारंपरिक खेत से फसलें शुद्ध होती हैं और इसलिए उन्हें अच्छी कीमत पर बेचा जा सकता है। पारंपरिक खेती से निकलने वाले सभी कचरे को अपघटन के बाद खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

✔️ पारंपरिक खेती में कौन से दो प्रकार हैं?

पारंपरिक कृषि के प्रकार क्या हैं? … कृषि दो प्रकार की होती है, निर्वाह और वाणिज्यिक । दुनिया में लाखों निर्वाह किसान हैं, जो केवल अपने परिवारों को खिलाने के लिए पर्याप्त फसल पैदा करते हैं। कई निर्वाह किसान स्लैश और बर्न या स्विडन कृषि पद्धति का उपयोग करते हैं।

✔️ परंपरागत कृषि विकास योजना कब शुरू हुई?

परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनों के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना को सन 2015-16 में रसायनिक मुक्त जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया है।

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Amar Kumar is a graduate of Journalism, Psychology, and English. Passionate about communication - with words spoken and unspoken, written and unwritten - he looks forward to learning and growing at every opportunity. Pursuing a Post-graduate Diploma in Translation Studies, he aims to do his part in saving the 'lost…

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