New National Education Policy (नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) Details 2022 : मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय के द्वारा एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव लाया गया है और यह बदलाव इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में की गया है और आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि National Education Policy क्या है इससे संबंधित सारी जानकारी आपको हम बताने जा रहे हैं तो आप कृपया कर हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें जिससे आप यह जान पाएंगे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य क्या है, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की विशेषताएं क्या है, इसके पात्रता क्या है, इस आर्टिकल के माध्यम से हम यह बताएंगे कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में होने वाले बदलाव क्या होंगे | यदि आप National Education Policy से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज हम आपसे निवेदन करते हैं कि कृपया कर आप हमारे आर्टिकल को अंतर जरूर पढ़ें जिससे आप भी National Education Policy से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त कर सकें।
national education policy 2022
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नई नीति तैयार की जाती है और भारत की सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 को आरंभ कर दिया है जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं National Education Policy के अंतर्गत भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है और अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी आर के साथ पूर्व विद्यालय माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फूलों किया जाएगा। और यह National Education Policy 2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र भी शामिल किया था।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत आरंभ किया जाएगा लाइव डैशबोर्ड
जून 2021 से National Education Policy की सफलता को मॉनिटर करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड को आरंभ किया जाएगा और इस डैशबोर्ड के अंतर्गत इस पॉलिसी के कार्य प्रक्रिया की निगरानी किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कॉलेज एवं विश्वविद्यालय स्तर के नीतिगत बदलाव को लागू करने पर जोड़ दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के द्वारा 181 कार्यों की पहचान की गई है जिनको शिक्षा नीति के अंतर्गत पूरा किया जाना है इन कार्यों के स्नातक एवं स्नातक कोर पाठ्यक्रमों में सब्जेक्ट ऑप्शन, रीजनल लैंग्वेज बेस्ट एजुकेशन, यूनिवर्सिटी डिग्री में प्रवेश एवं निकासी की सुविधा क्रेडिट बैंक सिस्टम इत्यादि का शामिल किया जाएगा। कर्नाटक उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और गोवा के सरकार के द्वारा एक टास्क फोर्स किया जाएगा जो नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के कार्य 1 और सुविधा चुनौतियों का अध्ययन करेगी और इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय के द्वारा मासिक एवं त्रैमासिक आधार पर एक डैशबोर्ड की निगरानी की जाएगी और प्रत्येक कार्य की एक सीमा तय की जाएगी जिसके जानकारी राज्य के एजेंसी को दे दिया जाएगा।
new national education policy 2022
🔥 आर्टिकल किसके बारे में है | 🔥 नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022-23 |
🔥 किस ने लांच की स्कीम | 🔥 भारत सरकार |
🔥 लाभार्थी | 🔥 भारत के नागरिक |
🔥 आर्टिकल का उद्देश्य | 🔥 इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शिक्षा का सार्वभौमीकरण करना है तथा भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। |
🔥 ऑफिशियल वेबसाइट | 🔥 यहां क्लिक करें education.gov.in/en |
🔥 साल | 🔥 2022-23 |
🔥 स्कीम उपलब्ध है या नहीं | 🔥 उपलब्ध |
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत हुआ सार्थक योजना का शुभारंभ
शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए सरकार के द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है और इसके लिए सरकार के द्वारा भिन्न-भिन्न तरह के बदलाव किए जाएंगे और हाल ही में सरकार के द्वारा National Education Policy को लांच किया गया है और अब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्य के लिए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक के द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों को समग्र विकास योजना को आरंभ होने जा रही है और सार्थक योजना को भी पक्षकार जैसे कि राज्य, केंद्र शासित प्रदेश इत्यादि के विचार विमर्श और सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय के द्वारा यह भी हित धारकों से सुझाव मांगे गए थे। शिक्षा मंत्रालय को लगभग 7177 सुझाव प्राप्त हुए हैं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में शिक्षा नीति की सिफारिशों के 297 कार्यों को एक साथ जोड़ा जाएगा जिसके लिए जिम्मेदार एजेंसी और समय सीमा भी तय की गई है इन सभी कार्यों के लिए इस योजना के अंतर्गत 304 परिणाम भी निर्धारित किए गए हैं।
national education policy 2022 का उद्देश्य
National Education Policy का मुख्य उद्देश्य भारत में दी जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 में सरकार के द्वारा पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे बदलाव किए गए हैं जिससे कि शिक्षामित्र की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्ची अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
नेशनल एजुकेशन पालिसी के सिद्धांत
- प्रत्येक बच्चे की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करना
- साक्षरता एवं संख्यामकता के ज्ञान को बच्चों के अंतर्गत विकसित करना
- शिक्षा को लचीला बनाना
- एक सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करना
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना
- बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ना
- उत्कृष्ट स्तर पर शोध करना
- बच्चों को सुशासन सिखाना एवं सशक्तिकरण करना
- शिक्षा नीति को पारदर्शी बनाना
- तकनीकी यथासंभव उपयोग पर जोर
- मूल्यांकन पर जोर देना
- विभिन्न प्रकार की भाषाएं सिखाना
- बच्चों की सोच को रचनात्मक एवं तार्किक करना
- सार्थक योजना से संबंधित कुछ मुख्य जानकारी
- योजना के माध्यम से नई शिक्षा नीति के लिए 1 साल की कार्यान्वयन योजना तैयार की गई है।
- सार्थक योजना में नई शिक्षा नीति के कार्य एवं गतिविधियों को परिभाषित किया गया है।
- इसमें शिक्षा नीति के लक्ष्य, परिमाण और समय सीमा उपलब्ध है।
- इस योजना के माध्यम से सभी केंद्र शासित प्रदेशों एवं राज्य को नई शिक्षा नीति को समझने में मदद प्राप्त होगी।
- सार्थक योजना की रूपरेखा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार की गई है।
- देश के 75 वर्ष पूरे होने की खुशी में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के अंतर्गत इस योजना को जारी किया जाएगा।
- यह योजना संवादात्मक, लचीली एवं समावेशी होगी।
- सार्थक योजना के माध्यम से नई शिक्षा नीति के लिए 1 साल की कार्यान्वयन योजना तैयार की गई है।
- इस योजना में यह भी निर्धारित किया गया है कि राज्य नई शिक्षा नीति में जरूरत के हिसाब से बदलाव भी कर सकती है।
national education policy के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधाएं
- विद्यालयों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि मिड-डे-मील की गुणवत्ता ठीक हो जिससे कि बच्चे को लंचबॉक्स ना लाना पड़े
- और विद्यालयों में पानी की सुविधा ठीक तरीके से उपलब्ध होनी चाहिए जिससे कि बच्चे को वाटर का बोतल भी लाना ना पड़े
- इन सभी सुविधाओं की वजह से स्कूल के बैग का साइज छोटा हो जाएगा।
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों के होमवर्क पर भी ध्यान दिया जाएगा इसके अंतर्गत दूसरी कक्षा तक के बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा क्योंकि पहली और दूसरी कक्षा के छात्र बहुत छोटे होते हैं और उन्हें इतनी देर तक बैठने की आदत नहीं होती है।
- कक्षा तीसरी चौथी और पांचवी के बच्चों को प्रत्येक हफ्ते में सिर्फ 2 घंटे का होमवर्क लिया जाएगा कक्षा छठी से लेकर आठवीं के बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा और 9वीं से 12वीं क्लास के बच्चों को प्रतिदिन 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा।
national education policy 2022 के विशेषताएं
- मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
- National Education Policy के तहत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा जिसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं की गई है।
- पहले दसवीं और बारहवीं का पैटर्न को फॉलो किया जाता था परंतु अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा जिससे कि 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी।
- छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप आरंभ कर दी जाएगी।
- पांचवी कक्षा तक शिक्षा मात्रिभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में दिया जाएगा।
- पहले साइंस कॉमर्स तथा आर्ट स्ट्रीम होती थी लेकिन अब ऐसी कोई भी एसडीम नहीं होगी छात्र अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई भी सब्जेक्ट पढ़ सकते हैं।
- छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाया जाएगा।
- सभी स्कूल डिजिटल इक्विटी किए जाएंगे।
- सभी प्रकार के इन कांटेक्ट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाएगा।
- वर्चुअल लैब डिवेलप की जाएगी।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 की मुख्य बातें
- उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कई पर विस्तार और विकास बिंदु होंगे।
- स्नातक कोर्स 3 या 4 साल के हो सकते हैं जिसमें के कई सारे एग्जिट ऑप्शन होंगे जो कि उचित सर्टिफिकेशन के साथ होंगे
- जैसे कि यदि छात्र ने एक साला स्नातक कोर्स की पढ़ाई की है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा, 2 साल के बाद एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा, 3 साल के बाद उन्हें डिग्री दे दिया जाएगा,
- और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर की डिग्री दिया जाएगा।
- एकेडमी के बैंक ऑफ क्रेडिट का गठन किया जाएगा जिससे कि छात्रों के द्वारा अर्जित किए गए डिजिटल अकैडमी क्रेडिट हो या विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से उन्हें संग्रहित किया जाएगा
- इसे अंतिम डिग्री के लिए स्थानांतरित किया जाएगा और गिना जाएगा।
लर्निंग पर जोर देकर पाठ्य पुस्तकों पर निर्भरता को कम किया जाएगा और नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या उद्देश्य है।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा की पेशकश करेगी। - 2030 तक हर जिले में कम से कम एक बड़ी बहू विषयक उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाएगा।
- 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहू विषयक उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाएगा।
national education policy के लाभ
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा।
- पढ़ाई में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का ऑप्शन भी रखा जाएगा छात्र अगर चाहे तो या भाषाएं पढ़ सकते हैं।
- बोर्ड परीक्षाओं में भी बदलाव किया जाएगा ऐसा हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षा ली जाए।
- पढाई को आसान बनाने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तमाल ही किया जाएगा।
- हायर एजुकेशन से एमफिल की डिग्री को खत्म किया जा रहा है।
- एक्स्ट्रा सर्कुलर एक्टिविटीज को मैन सिविलिस में रखा जाएगा।
- छात्रों को चीन भाषा सिखाई जाएगी जो कि राज्य अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे।
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
- इस नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कई सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे कि आप पॉलिसी सुचारू रूप से चल पाए।
- नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।
- नईनेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- नई शिक्षा नीति के तहत यदि कोई छात्र कोई कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो पहले कोर्स की निश्चित समय तक ब्रेक ले सकता है और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है।
national education policy 2022 के चार चरण
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कुछ और चरणों में विभाजित कर दिया गया है जो कि पैटर्न कुछ इस प्रकार से है 5+3+3+4 इस नए पैटर्न में 12 साल के स्कूल शिक्षा तथा 3 साल की प्रिय स्कूली शिक्षा शामिल कर दिया गया है न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत इसको सभी सरकारी और प्राइवेट दोनों संस्थानों को फॉलो करना होगा न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के चार चरण में इसको कुछ इस प्रकार से बांटा गया है।
फाउंडेशन स्टेज
फाउंडेशन स्टेज 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए हैं। जिसमें 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा तथा 2 साल की स्कूली शिक्षा (कक्षा एक तथा दो) शामिल है। फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रिप्रेटरी स्टेज
प्रिप्रट्री स्टेज के अंतर्गत 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चे आएंगे। जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल है। इस स्टेज में बच्चों की भाषा और संख्यात्मक कौशल में विकास करना शिक्षकों का उद्देश्य रहेगा। इस स्टेज में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा।
मिडिल स्टेज
मिडिल स्टेज के अंतर्गत कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे आएंगे। कक्षा 6 से बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी और उन्हें व्यवसायिक परीक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।
सेकेंडरी स्टेज
सेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे आएंगे। जैसे कि पहले बच्चे साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे। परंतु अब यह खत्म कर दिया गया है। अब बच्चे अपनी पसंद का सब्जेक्ट ले सकते हैं। जैसे कि बच्चे साइंस के साथ कॉमर्स का या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स के भी ले सकते हैं।
नई शिक्षा नीति 2022: स्ट्रीम्स
National Education Policy के अंतर्गत छात्रों को अब कोई एक स्ट्रीम नहीं चुननी होगी। अब छात्र आर्ट स्ट्रीम के साथ साइंस स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं, साइंस स्ट्रीम के साथ आर्ट्स स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं। प्रत्येक विषय को अतिरिक्त पाठ्यक्रम ना मान के पाठ्यक्रम के रूप में देखा जाएगा जिसमें योग, खेल, नृत्य, मूर्तिकला, संगीत आदि शामिल है। एनसीईआरटी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार तैयार करेगी। शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वोकेशनल तथा एकेडमिक स्ट्रीम को अलग नहीं किया जाएगा जिससे कि छात्रों को दोनों क्षमताओं को विकसित करने का मौका मिले।
B.Ed अब 4 साल का
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के अंतर्गत बीएड को 4 साल का कर दिया गया है। 2030 के अंत तक शिक्षक की न्यूनतम योग्यता 4 साल का बी एड प्रोग्राम होगी। सभी स्टैंडअलोन शिक्षण संस्थान जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वोकेशनल स्टडीज पर फोकस
हमारे देश में वोकेशनल स्टडी सीखने वाले छात्र 5% से भी कम है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सीखने पर ध्यान दिया जाएगा। जिसमें बागबानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि शामिल है। 2025 के अंत तक नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कम से कम 50% छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा
जैसे कि सभी लोग जानते हैं कि बच्चों को यदि उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाए तो वह बात को ज्यादा आसानी से समझ पाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। अब शिक्षकों को पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करनी होगी। पाठ्य पुस्तकों को भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराना का प्रयास किया जाएगा और यदि पाठ्यपुस्तक क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं है तो इस स्थिति में बच्चों और शिक्षक के बीच बातचीत का माध्यम क्षेत्रीय भाषा होगा। कक्षा एक से बच्चों को दो से तीन भाषाएं सिखाई जाएंगी।
शिक्षकों की भर्ती
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत यदि दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों की कमी है। इस स्थिति में विशेष तौर से प्रयास किए जाएंगे की दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों को भर्ती कि जाए। जिसके अंतर्गत रिटायर हुए शिक्षकों को भी दोबारा से बुलाया जा सकता है।
विदेशी भाषा सिखाई जाने पर भी जोर
माध्यमिक विद्यालय में बच्चे अपने पसंद की विदेशी भाषा भी सीख सकते हैं। जिसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चाइनीस, जैपनीज आदि होंगी। यह सभी प्रयास भारत की शिक्षा को वैश्विक तौर पर पहचान बनाने का एक प्रयास है।
myNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको MYNEP2022 प्लेटफार्म की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- उसके बाद आपके सामने इसका होम पेज खुलकर आएगा।
- इस होम पेज पर आपको registration के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
- इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा जिसमें आपको निम्नलिखित जानकारी दर्ज करनी है।
- फर्स्ट नेम
- मिडिल नेम
- लास्ट नेम
- जेंडर
- डेट ऑफ बर्थ
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- अब आपको रजिस्टर के ऑप्शन पर जाकर क्लिक करना है।
- इस प्रकार से आप MYNEP2022 प्लेटफार्म पर रजिस्टर कर सकते हैं।
MYNEP2022 प्लेटफॉर्म पर लॉगइन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको MYNEP2022 प्लेटफार्म के अधिकारी वेबसाइट पर जाना होगा।
- इसके बाद आपके सामने इसका होमपेज खुलकर आएगा।
- होम पेज पर आपको लॉगइन का ऑप्शन दिखाई देगा।
- इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा जिसमें आपका नाम यूजरनेम पासवर्ड तथा कैप्चा कोड दर्ज कर देना है।
- अब आपको लॉगइन के आप्शन पर क्लिक करना है।
- इस प्रकार से आप MYNEP2022 प्लेटफार्म पर लॉगइन कर सकते हैं।
National Education Policy Contact Information
हमने अपने इस लेख के माध्यम से आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान कर दी है। यदि आप अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप नीचे दिए गए संपर्क विवरण के माध्यम से संपर्क करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। संपर्क विवरण कुछ इस प्रकार है।
- Email Id- dkchaturvedi@ncte-india.org
- Contact Number- 011- 20893267, 011-20892155
Conclusion
दोस्तों हमने आपको अपने इस लेख के माध्यम से न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको प्रदान कर दी है। यह एजुकेशन पॉलिसी सरकार का क्रांतिकारी फैसला है जो कि भविष्य में छात्रों को बहुत लाभदायक साबित होगा। दोस्तों हमें उम्मीद है कि आप नेशनल एजुकेशन पालिसी से संबंधित सभी जानकारी समझ चुके हैं। यदि National Education Policy में और अपडेट आएगा तो हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से जरूर बताएंगे। आप से निवेदन है कि आप हमारे से जुड़े रहे।
ध्यान दें :- ऐसे ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई नई या पुरानी सरकारी योजनाओं की जानकारी हम सबसे पहले अपने इस वेबसाइट sarkariyojnaa.com के माध्यम से देते हैं तो आप हमारे वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें ।
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इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…
Posted by Amar Gupta
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FAQ Questions Related From National Education Policy
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नई नीति तैयार की जाती है और भारत की सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 को आरंभ कर दिया है जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं national education policy के अंतर्गत भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है और अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी आर के साथ पूर्व विद्यालय माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फूलों किया जाएगा। और यह national education policy 2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र भी शामिल किया था।
national education policy का मुख्य उद्देश्य भारत में दी जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 में सरकार के द्वारा पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे बदलाव किए गए हैं जिससे कि शिक्षामित्र की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्ची अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा।
पढ़ाई में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का ऑप्शन भी रखा जाएगा छात्र अगर चाहे तो या भाषाएं पढ़ सकते हैं।
बोर्ड परीक्षाओं में भी बदलाव किया जाएगा ऐसा हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षा ली जाए।
पढाई को आसान बनाने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तमाल ही किया जाएगा।
हायर एजुकेशन से एमफिल की डिग्री को खत्म किया जा रहा है।
एक्स्ट्रा सर्कुलर एक्टिविटीज को मैन सिविलिस में रखा जाएगा।
छात्रों को चीन भाषा सिखाई जाएगी जो कि राज्य अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कई सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे कि आप पॉलिसी सुचारू रूप से चल पाए।
नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।
नईनेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत यदि कोई छात्र कोई कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो पहले कोर्स की निश्चित समय तक ब्रेक ले सकता है और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कुछ और चरणों में विभाजित कर दिया गया है जो कि पैटर्न कुछ इस प्रकार से है 5+3+3+4 इस नए पैटर्न में 12 साल के स्कूल शिक्षा तथा 3 साल की प्रिय स्कूली शिक्षा शामिल कर दिया गया है न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत इसको सभी सरकारी और प्राइवेट दोनों संस्थानों को फॉलो करना होगा न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के चार चरण में इसको कुछ इस प्रकार से बांटा गया है।
NEP 2020 का उद्देश्य 2035 तक व्यावसायिक शिक्षा सहित उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 26.3% से बढ़ाकर 50% करना है। सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) का उद्देश्य बहु-विषयक संस्थान बनना होगा, जिनमें से प्रत्येक में 3,000 या अधिक छात्र होंगे।
अभी बीएड लिए जरूरी 5 साल के बजाय अब स्टूडेंट्स 4 साल में ही इसे पूरा कर लेंगे, जिससे उनके एक साल की बचत होगी. चार साल के आईटीईपी की शुरुआत एकेडमिक सेशन 2022-23 से होगी. यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत टीचर एजुकेशन से संबंधित किए गए प्रमुख प्रावधानों में से एक है|
Teacher में सबसे पहले प्राइमरी टीचर ही आते हैं, ये प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। प्राइमरी टीचर के सैलरी के कुल विवरण को देखें तो इसमें कुल वेतन लगभग 45,647 प्रति माह है। इसमें मूल वेतन 35,400 प्रति माह है।
अरुण शुक्ल ने बताया कि इस नई शिक्षा नीति में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक की ही है। क्योंकि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। शिक्षा नीति में जो भी नए परिवर्तन हुये हैं उनको शिक्षक समझ कर विद्यार्थियों व अभिभावकों को समझाने की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक ही निभा रहे हैं। शिक्षकों की जिम्मेदारी भी बढी है।
Commerce student can do b pharma or d pharma according to new education policy 🤔
New shiksha niti ke anusar 12 th science biology ke bad college me sidhe MBA kr sakte h ky
Kya me collage or iti dono regular kr sakta hu
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