सुन लो, भाइयों और बहनों! पांच साल लंबे इंतज़ार के बाद, कैलाश मानसरोवर यात्रा का रास्ता फिर से खुल गया है। और हां, ये बहुत बड़ी खबर है उन सभी भक्तों के लिए जो इस आध्यात्मिक यात्रा का सपना देख रहे थे। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना क्योंकि यहां आपको सब कुछ पता चल जाएगा!
तो, बात ये है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद तो चल ही रहा था, लेकिन अब दोनों देशों ने शांति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों ने सीमा विवाद को सुलझाने और साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। जी हां, आपने सही सुना—ये होने वाला है!
ये यात्रा, जो जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद रोक दी गई थी, अब 2025 की गर्मियों में फिर से शुरू होगी। और बस इतना ही नहीं! दोनों देशों ने आपस में सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर भी सहमति बना ली है। यानी अब कैलाश जाना और भी आसान हो जाएगा। क्या बात है, है न?
उन लोगों के लिए जो नहीं जानते, कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक बहुत ही पवित्र यात्रा है। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का घर माना जाता है, और मानसरोवर झील को उनकी दिव्यता का प्रतीक। लेकिन 2020 के बाद से ये यात्रा बंद थी, और श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की व्यास घाटी से ही कैलाश के दर्शन करने पड़ रहे थे।
लेकिन अब गुड न्यूज़ ये है कि 2025 में ये यात्रा फिर से शुरू होगी। यानी अगले कुछ सालों में आप फिर से कैलाश की पवित्र यात्रा पर जा सकेंगे। और हां, ये सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि भारत और चीन के बीच बढ़ते रिश्तों का भी संकेत है।
तो, क्या आप कैलाश जाने के लिए तैयार हैं? या फिर आपने पहले ही ये यात्रा कर ली है? कमेंट में बताइएगा! और हां, इस खबर को शेयर करना न भूलिएगा, क्योंकि ये खुशखबरी सब तक पहुंचनी चाहिए। 😊🙏