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तुरंत पैसे की आवश्यकता है, गोल्ड लोन और पर्सनल लोन में कौनसा विकल्प बेहतर है, यह जानने का सही समय है।

By Amar Kumar

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Gold Loan और पर्सनल लोन, दोनों में राशि आपके अकाउंट में तुरंत ट्रांसफर कर दी जाती है। इस राशि का इस्तेमाल आप अपने किसी भी ज़रूरत को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। इसलिए जिन्हें पैसों की तुरंत ज़रूरत है उनके लिए ये दोनों ही ऑप्शन बेहतर है। हालांकि गोल्ड लोन और पर्सनल लोन दोनों में अलग-अलग विशेषताएं होती हैं, जो उन्हें कुछ उधारकर्ताओं के लिए अधिक सहज बनाती है तो कुछ के लिए कम। इस लेख में हम जानेंगे कि दोनों में से आपकी ज़रूरत के हिसाब से कौन सा लोन ऑप्शन आपके लिए बेहतर होगा।

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ब्याज दर 

ज़्यादातर बैंकों व एनबीएफसी द्वारा दिए जाने वाले पर्सनल लोन पर ब्याज दरें 10.49% से 27% प्रतिवर्ष तक हैं। लोन कितनी ब्याज दर पर मिलेगा ये बैंक की शर्तें और आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल पर निर्भर करता है। वहीं, गोल्ड लोन की ब्याज दरें 9% से 24% प्रतिवर्ष के बीच है। किसी आवेदक को गोल्ड लोन पर कितना ब्याज देना होगा यह उसके जोखिम मूल्यांकन, लोन पुनर्भुगतान अवधि, लोन राशि और पुनर्भुगतान विकल्प पर निर्भर करता है। 

ध्यान रखें कि कुछ लोन संस्थान बड़ी लोन राशि और लम्बी पुनर्भुगतान पर ज़्यादा ब्याज लागू करते हैं, इसलिए किसी एक संस्थान से लोन लेने से पहले कई बैंकों या एनबीएफसी की ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, लोन राशि, पुनर्भुगतान अवधि (टैन्योर) जैसे मापदंडों की तुलना करें। इसके बाद ही बेहतर लोन ऑफर का चुनाव करें। गोल्ड लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों में अंतर अच्छी क्रेडिट प्रोफाइल वाले लोगों के लिए ज़्यादा नहीं हो सकता है। हालांकि, गोल्ड लोन की ब्याज दरें आमतौर पर खराब क्रेडिट प्रोफाइल वाले लोगों के लिए पर्सनल लोन से कम होती हैं।

प्रोसेसिंग टाइम

किसी आवेदक को पर्सनल लोन देने से पहले बैंक उससे जुड़े कई सारे डाक्यूमेंट्स चेक करता है, जिसमें पर्सनल लोन एप्लीकेशन फॉर्म, आईटीआर फॉर्म या सैलरी स्लिप और दूसरे डाक्यूमेंट्स शामिल होते हैं। इन डाक्यूमेंट्स को वैरिफाई करने में बैंक को 2 से 7 दिन का समय लगाता है फिर लोन मंज़ूर होता है। हालांकि कुछ बैंक पर्सनल लोन प्रोसेसिंग में कम समय लगाते है खासकर प्री-अप्रूव्ड लोन के मामले में। 

वहीं, गोल्ड लोन का प्रोसेसिंग टाइम बहुत कम होता है। लोन अप्लाई करने के कुछ ही घंटों में आवेदक के खाते में लोन की राशि ट्रांसफर कर दी जाती है। बता दें, गोल्ड लोन में आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल की जगह गिरवी रखे सोने की गुणवक्ता ज़्यादा मायने रखती है। इसलिए तत्काल पैसे की आवश्यकता वाले लोगों के लिए पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन एक बेहतर ऑप्शन होता है। 

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Gold Loan और पर्सनल लोन पर क्रेडिट स्कोर का असर

पर्सनल लोन एक अन- सिक्योर्ड लोन होता है इसलिए बैंक किसी आवेदक को लोन देने से पहले कई तरह की सतर्कता बरतती है। वह आवेदक का क्रेडिट स्कोर, मासिक आय, जॉब प्रोफाइल और कंपनी प्रोफाइल जैसे ज़रूरी फैक्टर्स चेक करती है, और इनके आधार पर ही लोन मंज़ूर होता है और ब्याज दर तय होती है। खराब क्रेडिट स्कोर (700 से कम) वाले आवेदक को मुश्किल से और ज़्यादा ब्याज दर पर लोन मिलता है। जबकि 750 से अधिक क्रेडिट स्कोर वाले आवेदक को आमतौर पर बैंक प्राथमिकता के साथ कम इंटरेस्ट रेट पर लोन ऑफर करते हैं।

Gold Loan में मामला बिल्कुल उल्ट है। यह एक सिक्योर्ड लोन होता है यानी लोन के बदले बैंक में सोना गिरवी रखना होता है। इसलिए बैंक आवेदक के क्रेडिट स्कोर के आधार पर नहीं बल्कि गिरवी रखे सोने के आधार पर लोन की मंजूरी देता है। अगर उधारकर्ता लोन का पुनर्भुगतान नहीं कर पाता है तो बैंक या लोन संस्थान गिरवी रखे सोने को बेचकर अपना रकम वसूल सकती है।

लोन पेमेंट ऑप्शन  

पर्सनल लोन को EMI के माध्यम से चुकाया जा सकता है जिसमें मूल और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। जबकि लोन संस्थान गोल्ड लोन के पुनर्भुगतान के लिए कई सारे ऑप्शन देते हैं। जिसमें EMI पुनर्भुगतान,  मासिक आधार पर ब्याज राशि का भुगतान और पुनर्भुगतान अवधि खत्म होने पर मूल राशि भुगतान करने का विकल्प शामिल है। इसके अलावा कुछ लोन संस्थान उधारकर्ता को ये भी ऑप्शन देते हैं कि वह लोन लेते समय पूरी ब्याज राशि चुका दें और लोन पुनर्भुगतान अवधि खत्म होने पर मूल राशि का पेमेंट करें।  वहीं, कुछ संस्थान उधारकर्ताओं को अनुमति देते हैं कि वो ब्याज व मूल राशि दोनों लोन पुनर्भुगतान अवधि के खत्म होने पर चुका सकते हैं। इसलिए, गैर-ईएमआई आधारित पुनर्भुगतान विकल्पों के उपलब्ध होने के कारण गोल्ड लोन उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प है जिनकी आय स्थिर नहीं है या जिन्हें कभी भी पैसों की कमी हो जाती है।

प्रोसेसिंग फीस

पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस आमतौर पर लोन राशि का 4% तक होती है। वहीं, गोल्ड लोन के मामले में प्रोसेसिंग फीस लोन राशि के 2% तक जाती है, कुछ लोन संस्थान किसी भी लोन राशि के लिए समान फीस लेते हैं, जो 10 रु. से शुरू होती है। बता दें, लोन लेने के दौरान होने वाला खर्च प्रोसेसिंग फीस के तहत आता है। इसलिए लोन आवेदकों को प्रोसेसिंग फीस को भी गिनना चाहिए और यह हिसाब लगाना चाहिए कि कौन सा लोन उन्हें कितना महंगा मिलेगा।

पुनर्भुगतान अवधि

पर्सनल लोन की पुनर्भुगतान अवधि आमतौर पर 1 साल से लेकर 5 साल तक के लिए होती है। हालांकि कुछ बैंक या लोन संस्थान 7 साल की लंबी अवधि भी देते हैं। वहीं, गोल्ड लोन के लिए पुनर्भुगतान अवधि 7 दिन से लेकर 3 साल के लिए होती है। जबकि कुछ लोन संस्थान 4 से 5 साल का समय भी ऑफर करते हैं। Gold Loan उन लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन है जो कम समय में लोन का पुनर्भुगतान करने में सक्षम है, जबकि पर्सनल लोन उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय में लोन पुनर्भुगतान करने की स्तिथि में हैं। याद रखें, लम्बी पुनर्भुगतान अवधि में ज़्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है।

लोन राशि 

आमतौर पर बैंक किसी आवेदक को पर्सनल लोन के तहत 50,000 से लेकर 15 लाख रुपये तक का लोन देती हैं। वहीं,  कुछ बैंक या लोन संस्थान 30 से 40 लाख रुपये का बड़ा लोन अमाउंट भी ऑफर करते हैं। ये लोन अमाउंट बैंक किसी आवेदक की भुगतान क्षमता और लोन अवधि के आधार पर तय करती हैं। वहीं, गोल्ड लोन के मामले में संस्थान गिरवी रखे सोने और लोन टू वैल्यू (एलटीवी) रेश्यो के आधार पर लोन की राशि तय करती है। आरबीआई के दिशानिर्देश के मुताबिक, गोल्ड लोन का एलटीवी रेश्यो 75% तक हो सकता हो, यानी गिरवी रखे गए सोने की कीमत का 75% तक लोन दिया जा सकता है। लोन पर एलटीवी रेश्यो कितना होगा, ये चुने गए पेमेंट विकल्प, लागू रेगुलेट्री लिमिट आदि के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। 

गोल्ड लोन का भुगतान नहीं करने पर क्या होता है?

यदि वे समय सीमा तक ऋण पर ब्याज का भुगतान नहीं करते हैं, तो ऋणदाता जुर्माना लगा सकता है । बैंक द्वारा निर्दिष्ट समय अवधि में कई अनुवर्ती कार्रवाई के बाद, यदि Gold Loan की राशि अभी भी भुगतान नहीं की गई है, तो बैंक अंततः अपने नुकसान की भरपाई के लिए सोने के आभूषणों को समाप्त या नीलाम कर देगा।

गोल्ड लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाने पर क्या होता है?

यदि कर्ज़दार की मृत्यु हो जाए तो कर्ज़ का क्या होगा? यदि आप मरने के बाद स्वर्ण ऋण का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपके उत्तराधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा । हालाँकि, यदि आपके पास बीमा है, तो बीमा कंपनी आपकी ओर से शेष ऋण राशि का भुगतान करेगी। आजकल, हर ऋण के साथ बीमा शामिल होता है।

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Amar Kumar is a graduate of Journalism, Psychology, and English. Passionate about communication - with words spoken and unspoken, written and unwritten - he looks forward to learning and growing at every opportunity. Pursuing a Post-graduate Diploma in Translation Studies, he aims to do his part in saving the 'lost…

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