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EVM VVPAT Supreme Court Judgement : सुप्रीम कोर्ट की मुख्य चर्चाएँ और फैसले?

By Amar Kumar

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EVM VVPAT Supreme Court Judgement : भारतीय लोकतंत्र में चुनावों का विशेष महत्व है। पारदर्शी और निष्पक्ष चुनावों के लिए, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की और इनकी सुरक्षा, विश्वसनीयता और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया और आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे आप आसानी से यह जान सकेंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने कौन से सवाल उठाए हैं और सब सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिए हैं साथ ही चुनाव आयोग को क्या कुछ सावधानियां बरतनी होगी इसकी भी जानकारी आपको मिलेगी , अतः आप एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज उठाएं और इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े साथ ही इसे सभी भारतीयों के साथ शेयर भी करें | 

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EVM VVPAT Supreme Court Judgement

EVM VVPAT Supreme Court Judgement

EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) मतदान प्रक्रिया को डिजिटल रूप से संचालित करती है। मतदाता ईवीएम पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के बटन को दबाकर वोट करते हैं, और वोट इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिकॉर्ड किया जाता है।

VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) एक प्रिंटर डिवाइस है जो मतदान के बाद एक पर्ची जारी करता है। यह पर्ची मतदाता को यह दिखाती है कि उनका वोट किस उम्मीदवार को गया है। VVPAT चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में मुख्य मुद्दे

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान, निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई:

  • वोटर गोपनीयता: याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि EVM और VVPAT मतदाता गोपनीयता को खतरे में डाल सकते हैं। चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों पर जोर दिया कि मतदाता गोपनीयता बनी रहे।
  • ईवीएम की सुरक्षा: याचिकाकर्ताओं ने EVM में हेरफेर की संभावना पर चिंता जताई। चुनाव आयोग ने EVM की बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली पर भरोसा जताया और कहा कि इनमें हेरफेर करना अत्यंत कठिन है।
  • VVPAT पर्ची मिलान: याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि सभी मतदान केंद्रों पर VVPAT पर्चियों का मिलान किया जाए। चुनाव आयोग ने वर्तमान प्रक्रिया का बचाव किया, जिसमें प्रति मतदान केंद्र 5 EVM मशीनों की पर्चियों का मिलान किया जाता है।

EVM VVPAT Supreme Court Judgement And Effect

सुप्रीम कोर्ट का फैसला न केवल EVM और VVPAT के उपयोग के लिए, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की समग्र विश्वसनीयता के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। यदि कोर्ट VVPAT पर्चियों के अनिवार्य मिलान का आदेश देता है, तो यह चुनावों में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ा सकता है।

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EVM-VVPAT से जुड़ी चुनौतियाँ और समाधान

EVM और VVPAT से जुड़ी कुछ चुनौतियों में शामिल हैं:

  • तकनीकी समझ: मतदाताओं और चुनाव अधिकारियों के लिए EVM और VVPAT का उपयोग करना और समझना सीखना आवश्यक है।
  • सुरक्षा चिंताएँ: EVM और VVPAT में हेरफेर की संभावना हमेशा बनी रहती है, भले ही चुनाव आयोग सुरक्षा उपायों का दावा करता हो।
  • खर्च: EVM और VVPAT का उत्पादन, रखरखाव और वितरण महंगा हो सकता है।

EVM-VVPAT विवाद का वैश्विक संदर्भ

भारत में EVM और VVPAT के आसपास की बहस दुनिया में कई अन्य देशों के अनुभव से जुड़ी है:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका में पेपर मतपत्र और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम का मिश्रण है, जहाँ ऑडिट की मांग बढ़ रही है।
  • जर्मनी: जर्मनी ने अपनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली को असंवैधानिक पाए जाने के बाद पूरी तरह से पेपर मतपत्रों पर वापस जाने का फैसला किया।
  • अन्य देश: ब्राजील, नीदरलैंड और आयरलैंड जैसे देशों ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के उपयोग को लेकर चिंता व्यक्त की है।

चुनावी निष्पक्षता के लिए आगे का रास्ता

EVM और VVPAT के आसपास का विवाद भारतीय चुनावी प्रणाली की अखंडता के बारे में सवाल उठाता है। आगे का रास्ता संभावित रूप से इसमें शामिल होगा:

  • VVPAT मिलान बढ़ाना: सुप्रीम कोर्ट चुनावों में विश्वास बढ़ाने के लिए अधिक VVPAT पर्चियों के मिलान का आदेश दे सकता है।
  • सुरक्षा प्रणाली में सुधार: चुनाव आयोग EVM की सुरक्षा बढ़ाने और हैकिंग या छेड़छाड़ के जोखिम को कम करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय कर सकता है।
  • पारदर्शिता बढ़ाना: चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों को साथ मिलकर काम करना होगा।

Conclusion

EVM और VVPAT विवाद चुनावों में तकनीक के उपयोग से संबंधित महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रश्नों पर प्रकाश डालता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस विवाद को निपटाने और भविष्य के चुनावों में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। EVM-VVPAT का मुद्दा न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया भर के लोकतंत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि वे मतदान प्रणालियों में पारदर्शिता, सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की चुनौतियों का सामना करते हैं।

क्या सुप्रीम कोर्ट EVM-VVPAT के उपयोग पर रोक लगा सकता है?

हालांकि पूरी तरह से नकारना संभव नहीं है, लेकिन इसकी संभावना कम है। कोर्ट प्रक्रिया में सुधार, पारदर्शिता बढ़ाने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने पर जोर दे सकता है।

क्या EVM-VVPAT विवाद भारत के लिए अद्वितीय है?

नहीं, दुनिया भर के कई लोकतंत्र इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के साथ सुरक्षा और पारदर्शिता के मुद्दों से जूझ रहे हैं।

ईवीएम और वीवी पैट क्या हैं?

ईवीएम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है जो मतदान को डिजिटली रिकॉर्ड करती है, जबकि वीवी पैट एक प्रिंटर डिवाइस है जो मतदान की पर्ची छापती है जिसे मतदाता देख सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से क्या प्रमुख सवाल पूछे?

कोर्ट ने चुनाव आयोग से वीवी पैट पर्ची की प्रदर्शनी, ईवीएम की सुरक्षा उपायों और पर्ची मिलान की प्रक्रिया पर सवाल किए।

अगर सुप्रीम कोर्ट ने वीवी पैट पर्चियों के मिलान का आदेश दिया, तो इसका क्या मतलब होगा?

इसका मतलब होगा कि हर चुनाव क्षेत्र में पर्चियों का मिलान अनिवार्य रूप से किया जाएगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता आएगी।

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Amar Kumar is a graduate of Journalism, Psychology, and English. Passionate about communication - with words spoken and unspoken, written and unwritten - he looks forward to learning and growing at every opportunity. Pursuing a Post-graduate Diploma in Translation Studies, he aims to do his part in saving the 'lost…

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