केंद्र सरकार ने अमेरिकी रेटिंग एजेंसी के बयान का तेजी से प्रतिक्रिया दी है। आधार कार्ड जारी करने वाले प्राधिकरण, UIDAI, ने मूडीज के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि आधार दुनिया की सबसे विश्वसनीय डिजिटल आईडी है। वास्तव में, मूडीज ने आधार कार्ड से जुड़े लोगों की सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस, एक अमेरिकी कंपनी, जो दुनियाभर के देशों के अपने अनुमानित विकास के आधार पर रेटिंग देती है, की एक रिपोर्ट में यह कहा कि भारत जैसे गर्म देश में बायोमेट्रिक आधार कार्गर नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही यह भी बताया कि गर्मी और नमी में काम कर रहे श्रमिकों के लिए सही बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी की सटीकता पर सवाल उठा सकता है।
गोपनीयता और सुरक्षा सवालों में
यह रिपोर्ट मूडीज द्वारा 21 सितंबर को जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में आधार के बड़े स्तर की प्रशंसा की गई है, लेकिन इसका कुछ आलोचना भी की गई है, खासकर निजता और सुरक्षा के संदर्भ में। मूडीज ने इस प्रणाली को मुख्य रूप से बायोमीट्रिक्स और ऑथोराइजेशन को स्थापित करने की चुनौतियों के साथ रुख किया है। इसके बाद, सरकार ने इन सभी दावों को सोमवार को खारिज किया।
सरकार ने क्या कहा?
सरकार ने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस दावे का कोई आधार नहीं है। सरकार का कहना है कि इस रिपोर्ट में किसी भी प्रकार के प्राथमिक या द्वितीयक डेटा या शोध का उल्लेख नहीं है। गर्मी और आर्द्रता से संबंधित दावों का उत्तर देते हुए सरकार ने यह भी कहा कि चेहरे और आईरिस के बायोमेट्रिक तरीके का भी उपयोग किया जा सकता है। सरकार ने इसके अलावा बताया कि महात्मा गांधी नेशनल रूरल इंप्लॉयमेंट गारंटी स्कीम के डेटाबेस में आधार की सीडिंग इस प्रकार से की गई है कि शोधकर्ताओं को बायोमेट्रिक का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। श्रमिकों का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाता है और इसमें भी बायोमेट्रिक की आवश्यकता नहीं होती है। सरकार ने सुरक्षा के संदर्भ में यह भी कहा है कि अब तक किसी भी तरह की आधार डेटाबेस के भेद का पता नहीं चला है।