सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर #RailwayLevel1_1Lakh_VacancyDo हैशटैग इन दिनों खूब ट्रेंड कर रहा है। यह ट्रेंड भारतीय रेलवे में लेवल-1 के पदों पर 1 लाख वैकेंसी की मांग को लेकर युवाओं के आंदोलन की वजह से चर्चा में है। लेकिन क्या यह मांग जायज है? आइए जानते हैं पूरा मामला।
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क्या है मांग?
रेलवे ग्रुप डी (लेवल-1) के पदों पर 1 लाख से अधिक वैकेंसी निकालने की मांग युवाओं ने की है। उनका कहना है कि रेलवे में फिलहाल 1.5 लाख से ज्यादा पद खाली हैं, लेकिन सिर्फ 32,000 पदों पर ही भर्ती निकाली गई है। युवाओं का तर्क है कि यह संख्या लाखों बेरोजगार युवाओं के लिए नाकाफी है, खासकर जब रेलवे का कामकाज और नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है।
क्यों हो रहा है ट्रेंड?
- युवाओं का आक्रोश: 2019 में रेलवे ने 64,000 पदों पर भर्ती निकाली थी, लेकिन इस बार सिर्फ 32,000 पदों पर भर्ती का ऐलान किया गया है। युवाओं को लगता है कि यह अन्यायपूर्ण है और उनके साथ धोखा हो रहा है ।
- सोशल मीडिया का दबाव: युवाओं ने X पर हैशटैग #RailwayLevel1_1Lakh_VacancyDo के जरिए अपनी आवाज बुलंद की है। हज़ारों ट्वीट्स और रीट्वीट्स के साथ यह ट्रेंड बन गया है। यहां तक कि शिक्षक और छात्र भी इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं ।
- रोजगार का संकट: देश में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है, और रेलवे जैसे बड़े विभाग में इतनी कम वैकेंसी युवाओं को निराश कर रही है। उनका मानना है कि अगर 1 लाख पदों पर भर्ती होती है, तो इससे बेरोजगारी कम होगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
हमें हक मांगना नहीं अब छीनना होगा 💯💪
रेलवे ने टेक्निकल पदों पर ITI की अनिवार्यता कर रखी थी जिस से अभ्यर्थि अपनी ITI की डिग्री लेकर बैठे हैं।#RailwayLevel1_1Lakh_PostDo#Iti_Qualification_In_GroupD #viralvideo #RailwayLevel1_1Lakh_VacancyDo pic.twitter.com/Rk6Gw8gC8U
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कितनी जायज है मांग?
- खाली पदों की संख्या: रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल 1.5 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। ऐसे में सिर्फ 32,000 पदों पर भर्ती निकालना युवाओं की उम्मीदों पर पानी फेरने जैसा है ।
- पिछले रिकॉर्ड: 2019 में रेलवे ने 64,000 पदों पर भर्ती निकाली थी, जो इस बार की तुलना में दोगुनी है। युवाओं का सवाल है कि अगर पहले यह संभव था, तो अब क्यों नहीं?
- सरकारी प्रतिक्रिया: अभी तक रेलवे मंत्रालय या सरकार की ओर से इस मांग पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, युवाओं का दबाव बढ़ रहा है, और सरकार को जल्द ही इस पर कोई फैसला लेना होगा।
क्या हो सकता है आगे?
युवाओं का यह आंदोलन न सिर्फ रेलवे भर्ती नीतियों में बदलाव की मांग कर रहा है, बल्कि यह देश के युवाओं की बेरोजगारी और रोजगार सृजन के प्रति सरकार की जवाबदेही को भी उजागर कर रहा है। अगर सरकार इस मांग को गंभीरता से लेती है, तो यह न सिर्फ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, बल्कि रेलवे के कामकाज को भी मजबूत करेगा ।
तो दोस्तों, यह थी #RailwayLevel1_1Lakh_VacancyDo ट्रेंड की पूरी कहानी। अगर आप भी इस आंदोलन से जुड़े हैं या इसके बारे में कुछ कहना चाहते हैं, तो कमेंट करके जरूर बताएं। और हां, इस खबर को शेयर करना न भूलें ताकि और लोग भी जान सकें!