PM E-DRIVE Scheme: दोस्तों, अगर आप ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करते हैं और इलेक्ट्रिक ट्रक (e-truck) खरीदने का सोच रहे हैं, तो सरकार आपके लिए एक शानदार स्कीम लाई है! PM E-DRIVE स्कीम के तहत 3.5 टन से ज्यादा वजन वाले इलेक्ट्रिक ट्रकों पर ₹2.7 लाख से ₹9.6 लाख तक की सब्सिडी मिल रही है। इसके लिए ₹500 करोड़ का बजट रखा गया है ताकि ट्रांसपोर्ट को ग्रीन और सस्ता बनाया जा सके। तो यदि आप भी ट्रांसपोर्ट का अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या अपना इलेक्ट्रिक ट्रक खरीदना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़ें |

PM E-DRIVE E-Truck Scheme Highlights
खास बातें | डिटेल्स |
स्कीम का नाम | PM E-DRIVE (E-Truck Incentive) |
लॉन्च तिथि | 11 जुलाई 2025 |
बजट | ₹500 करोड़ (कुल ₹10,900 करोड़ में से) |
शामिल वाहन | N2 और N3 कैटेगरी के e-Trucks (वजन ≥3.5 टन) |
अधिकतम सब्सिडी | ₹9.6 लाख प्रति वाहन |
स्क्रैपिंग की शर्त | पुराना डीज़ल ट्रक स्क्रैप करना ज़रूरी |
आधिकारिक स्रोत | Ministry of Heavy Industries |
ये स्कीम है क्या?
चलिए, इसे आसान भाषा में समझते हैं। PM E-DRIVE स्कीम पहली बार भारत में इलेक्ट्रिक ट्रकों को बढ़ावा देने के लिए लाई गई है। सरकार का लक्ष्य है कि करीब 5,600 e-trucks को सब्सिडी दी जाए। इसका मकसद है ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण को कम करना और ग्रीन लॉजिस्टिक्स को सपोर्ट करना। मतलब, अब आप अपने बिजनेस को पर्यावरण के लिए बेहतर और किफायती बना सकते हैं!
कितनी सब्सिडी मिलेगी?
सब्सिडी इस बात पर निर्भर करती है कि आपका ट्रक कितना भारी है (ग्रॉस वाहन वजन यानी GVW के हिसाब से):
कैटेगरी (GVW) | अधिकतम सब्सिडी प्रति वाहन |
3.5–7.5 टन (N2) | ₹2.7 लाख |
7.5–12 टन | ₹3.6 लाख |
12–18.5 टन (N3) | ₹7.8 लाख |
18.5–35 टन | ₹9.6 लाख (सबसे ज्यादा) |
35–55 टन | ₹9.3 लाख |
- सब्सिडी की गणना ₹5,000 प्रति kWh बैटरी क्षमता के हिसाब से होती है, लेकिन ऊपर बताई गई रकम से ज्यादा नहीं मिलेगी।
- या फिर वाहन की कीमत का 10% तक छूट मिल सकती है (जो भी कम हो)।
- ध्यान दें: ट्रक की कीमत ₹1.25 करोड़ (ex-factory) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- सब्सिडी सीधे वाहन निर्माता (OEM) को दी जाएगी, जो आपके ट्रक की कीमत में adjust हो जाएगी।
कौन अप्लाई कर सकता है?
इस स्कीम का फायदा लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। चलिए, चेकलिस्ट देखते हैं:
- आपका ट्रक N2 (3.5–12 टन) या N3 (12–55 टन) कैटेगरी का होना चाहिए।
- पुराना डीज़ल ट्रक स्क्रैप करना ज़रूरी है। इसके लिए आपको स्क्रैपिंग का सर्टिफिकेट जमा करना होगा।
- ट्रक की बैटरी और मोटर पर 5 साल या 5 लाख किमी (जो पहले हो) की वारंटी होनी चाहिए।
- वाहन और मोटर पर भी 5 साल या 2.5 लाख किमी की वारंटी ज़रूरी है।
अगर ये सारी शर्तें पूरी होती हैं, तो आप सब्सिडी के लिए तैयार हैं!
अप्लाई कैसे करें?
चलिए, अब देखते हैं कि इस स्कीम का फायदा लेने के लिए आपको क्या करना होगा। ये रहा स्टेप-बाय-स्टेप तरीका:
- ऑफिशियल पोर्टल पर जाएं: Ministry of Heavy Industries का PM E-DRIVE पोर्टल खोलें।
- ट्रक की डिटेल्स सबमिट करें: अपने ट्रक का मॉडल, बैटरी की जानकारी और बाकी ज़रूरी टेक्निकल डिटेल्स भरें।
- e-वाउचर लें: सब्सिडी के लिए Aadhaar से लिंक e-voucher सिस्टम है। ये वाउचर आपके मोबाइल पर आएगा।
- डीलर को दिखाएं: इस वाउचर को अपने डीलर को दें, वो सरकार से सब्सिडी क्लेम करेगा।
- दस्तावेज़ तैयार रखें: स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट, वारंटी सर्टिफिकेट जैसे सारे कागज़ात तैयार रखें।
- जल्दी करें: सब्सिडी ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर मिलेगी।
इस स्कीम के फायदे क्या हैं?
तो दोस्तों, अब बात करते हैं कि ये स्कीम आपके लिए क्या कमाल कर सकती है:
- कम खर्चा: इलेक्ट्रिक ट्रक में डीज़ल नहीं लगता, जिससे आपका ऑपरेटिंग कॉस्ट बहुत कम हो जाता है। मेंटेनेंस भी सस्ता है।
- पैसे की बचत: शुरुआत में e-truck महंगा लग सकता है, लेकिन सब्सिडी और कम ऑपरेटिंग कॉस्ट की वजह से लंबे समय में ये किफायती है।
- पर्यावरण को फायदा: e-trucks से डीज़ल ट्रकों की तुलना में 17–37% कम प्रदूषण होता है। अगर रिन्यूएबल बिजली से चलाएं, तो ये 85–88% तक कम हो सकता है।
- बिजनेस में बढ़त: बड़ी कंपनियां जैसे SAIL पहले से ही 150 e-trucks खरीद रही हैं। आप भी ग्रीन ट्रांसपोर्ट का हिस्सा बन सकते हैं।
ये सब मिलकर भारत के net-zero 2070 टारगेट को सपोर्ट करता है।
स्कीम कब तक चलेगी?
PM E-DRIVE Scheme 1 अक्टूबर 2024 से शुरू हो चुकी है और 31 मार्च 2026 तक चलेगी। इस दौरान आप सब्सिडी का फायदा उठा सकते हैं। बाद में इसे बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन अभी तो जल्दी करना ही समझदारी है!
सारांश:
तो दोस्तों, PM E-DRIVE SCHEME ट्रांसपोर्टरों के लिए एक शानदार मौका है। ₹2.7 लाख से ₹9.6 लाख तक की सब्सिडी, पुराने ट्रक की स्क्रैपिंग और OEM को डायरेक्ट सब्सिडी देने का मॉडल इसे भरोसेमंद बनाता है। अगर आप अपने ट्रांसपोर्ट बिजनेस को ग्रीन और किफायती बनाना चाहते हैं, तो अभी अप्लाई करें। ये मौका छूटना नहीं चाहिए! और अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे लाइक और शेयर जरूर करेंसाथ ही इस आर्टिकल को अपने सभी व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर दें |
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FAQ Related To PM E-DRIVE Scheme
हां, स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है।
नहीं, ये e-voucher के ज़रिए डीलर को दी जाएगी, जो कीमत में adjust कर देगा।
नहीं, ये स्कीम सिर्फ N2 (3.5–12 टन) और N3 (12–55 टन) कैटेगरी के लिए है।
बैटरी पर 5 साल/5 लाख किमी और मोटर व वाहन पर 5 साल/2.5 लाख किमी की वारंटी ज़रूरी है।