Face App की सहायता से 18 साल बाद एक बच्चा मिला जो 3 साल की उम्र में किडनैप हो गया था ,FaceApp की तकनीक ने की पुलिस की मदद की , जानते है पूरे मामले के बारे में ।
Face App
सोशल मीडिया पर हर दिन एक नया चैलेंज आ जाता है यह चैलेंज बहुत सारे लोगों के लिए अच्छे होते हैं और बहुत सारे लोगों के लिए बुरे, ऐसे मे अभी सोशल मीडिया पर बुड्ढा बनने का ट्रेंड चल रहा है , सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग अपने बुढापे की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं , बुढ़ापे की तस्वीर बनाने के लिए Face App का प्रयोग किया जा रहा है , ऐसे में Face App के द्वारा यूजर का डाटा यानी सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर भी बवाल मचा हुआ है , अभी सबसे बड़ी खबर यह निकल के आ रही है कि Face App की मदद से 18 साल बाद 3 साल की उम्र में किडनैप हुआ बच्चा ढूंढ लिया गया इसकी तकनीक का इस्तेमाल सही कामों के लिए भी किया जा सकता है ।
Face App साबित हुआ एक परिवार के लिए वरदान ।
इस ऐप को लेकर अमेरिकी सांसद ने एफबीआई से इसकी जांच करने की मांग की है वहीं Face App की मदद से चीन के एक परिवार की तकदीर बदल गई है इस परिवार के 3 साल के बच्चे का अपहरण हो गया था जो 18 साल बाद इसी App के तकनीक की वजह से ढूंढा गया ।
⇒ दरअसल चीन के एक परिवार को करीब दो दशक बाद अपना बच्चा मिल गया जो बचपन में ही किडनैप हो गया था , बच्चे का अपहरण करीब 3 साल की उम्र में हो गया था , इस ऐप को आने के बाद पुलिस को विचार आया क्यों ना बच्चे की पुरानी तस्वीर को इस ऐप की मदद से बूढा किया जाए और देखा जाए कि बच्चा अभी कैसा दिखेगा ।
App के इस तकनीक को अपनाकर बच्चे की 3 साल के तस्वीर को बूढा किया , तब इस तकनीक के बदौलत ही प्रशासन बच्चे तक पहुंच सकी । इस ऐप का इस्तेमाल चीन के पुलिस ने किया इस ऐप को चीन के टेक और इंटरनेट कंपनी टेनसेंट ने बनाया है ।
पुलिस ने बच्चे का मौजूद 3 साल की उम्र वाले फोटो को हाई एक्यूरेसी के साथ इस ऐप के टेक्नोलॉजी के द्वारा बूढा बनाया , पुलिस ने इस एप के द्वारा बनाए गए फोटो को एआई लैब के अनुमान का मौजूदा Face रिकॉग्निशन तकनीक की सहायता से मिलान किया ।
सॉफ्टवेयर की सहायता से मिली पुलिस कर्मियों को मदद ।
सॉफ्टवेयर की सहायता और एआई टेक्नोलॉजी के आधार पर करीब 100 लोगों को छांटा गया जिसके बाद 18 साल पहले किडनैप हुए बच्चे की जानकारी सामने आ सकी । बच्चे का नाम यू विफेंग था जो इस समय कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था । जब पुलिसकर्मियों को भी विफेंग की जानकारी प्राप्त हुई , तो इनसे बात करने पर उन्होंने अपने अपहरण की बात से इंकार कर दिया लेकिन जब इनकी डीएनए को और इनके माता-पिता के डीएनए को मिलाया गया तो यह साफ हो गया कि यह वही बच्चा है जिसका किडनैप 18 साल पहले हो गया था ।
अधिकारी जोंग ने कहा कि वह अपहरण के बाद से ही बच्चे की तलाश कर रहे हैं उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी थी ।
Face App की तकनीक से मिली मदद ।
यह पूरा मामला यह दिखाता है कि Face App की तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिसकर्मियों ने एक परिवार को उसका बेटा लौटा दिया । इस तकनीक को हमारे भारत देश में भी अच्छे कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है , हमारे देश में भी लाखों ऐसे बच्चे होते हैं जिनका अपहरण कम उम्र में ही हो जाता है , इस App का इस्तेमाल कर यह पता लगाया जा सकता है कि वह बड़े होकर कैसे दिखेंगे और इसके जरिए उन को ढूंढना काफी ज्यादा आसान हो जाएगा ।
नोट :- FaceApp के द्वारा यूजर डाटा और बप्राइवेसी को लेकर अभी भी विवाद छिड़ा हुआ है और अमेरिका के एक सांसद ने इस ऐप के ऊपर एसबीआई के जांच की मांग की है । इस ऐप को बनाने वाली कंपनी से जब बात किया गया तो इनके द्वारा यह बताया गया कि यूजर्स के द्वारा अपलोड किए गए फोटो को यह 48 घंटे तक कि अपने सर्वर पर रखते हैं इसके बाद वह फोटो को डिलीट कर देते हैं , लेकिन FaceApp की वेबसाइट और इसके टर्म्स एंड कंडीशन कुछ अलग ही बात बताती है ।
तकनीक अच्छी या बुरी हो सकती है यह निर्भर व्यक्ति पर करता है कि वह उसका इस्तेमाल कैसे कर रहा है ।
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