अमेरिका में इन दिनों एक अजीब सी होड़ मची हुई है। गर्भवती महिलाएं, खासकर भारतीय माता-पिता, 20 फरवरी से पहले अपने बच्चों को जन्म देने के लिए हॉस्पिटल्स के चक्कर लगा रहे हैं। यहां तक कि कुछ महिलाएं प्री-टर्म डिलीवरी के लिए भी तैयार हो गई हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्यों लोग 20 फरवरी की डेडलाइन से पहले बच्चे पैदा करने पर जोर दे रहे हैं? चलिए, आपको बताते हैं पूरी कहानी।
ट्रंप का वो आदेश जिसने मचाई हलचल
20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद की शपथ ली और उसी दिन उन्होंने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया। इस आदेश के मुताबिक, 20 फरवरी के बाद अमेरिका में पैदा होने वाले बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी, अगर उनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं हैं। यानी, अगर किसी भारतीय या अन्य प्रवासी दंपति का बच्चा 20 फरवरी के बाद पैदा होता है, तो उसे अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी।
जन्मजात नागरिकता का मसला
अमेरिका में 14वें संविधान संशोधन के तहत, अगर कोई बच्चा अमेरिकी धरती पर पैदा होता है, तो उसे नागरिकता मिल जाती है, चाहे उसके माता-पिता अमेरिकी नागरिक हों या नहीं। इसे ‘बर्थ राइट सिटीजनशिप’ कहा जाता है। लेकिन ट्रंप का कहना है कि यह संशोधन गलत तरीके से लागू किया गया है और इसे बदलने की जरूरत है। उनका आदेश 20 फरवरी से लागू होना था, लेकिन एक अमेरिकी कोर्ट ने इसे ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए रोक लगा दी है।

भारतीय माता-पिता की चिंता
अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों के लिए यह आदेश एक बड़ा झटका था। अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के मुताबिक, अमेरिका में करीब 54 लाख भारतीय रहते हैं, जिनमें से 2 तिहाई फर्स्ट जनरेशन इमीग्रेंट हैं। यानी, वे लोग जो अपने परिवार में सबसे पहले अमेरिका गए हैं। ट्रंप के आदेश के बाद, इन लोगों के लिए अपने बच्चों को अमेरिकी नागरिकता दिलवाना मुश्किल हो जाता।
प्री-टर्म डिलीवरी का क्रेज
इस आदेश के बाद, अमेरिका भर के हॉस्पिटल्स में गर्भवती महिलाओं ने प्री-टर्म डिलीवरी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। खासकर भारतीय महिलाएं, जो अपने बच्चों को अमेरिकी नागरिकता दिलवाना चाहती थीं, उन्होंने डॉक्टरों से 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन करवाने की गुहार लगाई। हालांकि, डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि प्री-टर्म डिलीवरी से मां और बच्चे दोनों को स्वास्थ्य संबंधी खतरे हो सकते हैं, जैसे कम वजन, फेफड़ों का अविकसित होना और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं।
क्या होगा आगे?
हालांकि कोर्ट ने ट्रंप के आदेश पर रोक लगा दी है, लेकिन यह रोक सिर्फ 14 दिनों के लिए है। इस बीच, 22 राज्यों और कई अधिकार समूहों ने इस आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उनका कहना है कि यह आदेश अमेरिकी संविधान का उल्लंघन है और इससे लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।
तो दोस्तों, यह है पूरी कहानी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे शेयर करें और हमें कमेंट में बताएं कि आप ट्रंप के इस आदेश के बारे में क्या सोचते हैं। और ऐसी ही बड़ी खबरों के लिए हमें फॉलो करना न भूलें!
- UIDAI Free Aadhaar Online Update 2025 आधार कार्ड है तो मिला एक और मौका, ऐसे करे फ्री में सुधार!
- ek rupee coin ka manufacturing cost kitna hoga: ₹1 का सिक्का बनाने में कितना खर्च होता है?
- Aadhaar Face Authentication Banking IPPB India: ना OTP ना फिंगरप्रिंट अब ऐसे होगा बैंकिंग इंडियन पोस्ट ने की शुरुआत, जाने क्यूँ है खाश?
- NMMS scholarship 2025 और Post-Matric Scholarship 2025 ऐसे मिलेगा रु 12000
- Krishi Samruddhi Yojana Maharashtra 2025: छोटे किसानों के लिए माइक्रो-इरिगेशन, मिट्टी की सेहत और DBT की पूरी जानकारी