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आयुष्मान भारत योजना के मरीजों का उपचार देने से निजी अस्पताल इंकार नहीं कर सकते हैं । इंकार करने वाले अस्पतालों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी ।
आयुष्मान भारत योजना 2019
पिछले कुछ दिनों में बहुत सारी शिकायतें सामने निकल कर आ रही थी कि कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को एडमिट करने से इंकार कर रहे थे । इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं , अब इंकार करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जा सकती है और उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है ।
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आयुष्मान योजना के मरीजों को इलाज करने से निजी अस्पताल किसी भी कीमत पर इंकार नहीं कर सकती है साथ ही योजना में सूचीबद्ध नहीं होने वाले मरीजों का भी इमरजेंसी की स्थिति में इलाज करना होगा । ऐसा नहीं करने वाले अस्पतालों पर प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी ।
स्वास्थ्य सचिव नीतीश कुमार झा ने सचिवालय में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के साथ बैठक की है । बैठक में सूचीबद्ध अस्पतालों के प्रमुख 70 प्रतिनिधियों, चिकित्सकों व प्रबंधकों ने भी भाग लिया । इसी मौके पर नितेश कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना से राज्य के प्रत्येक नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने का कार्य जोर शोर से किया जा रहा है ।
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अस्पतालों को योजना के लाभार्थी का उपचार समय से करना चाहिए उसे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लेना है साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सभी क्लेम की राशि 15 दिनों भीतर सरकार भुगतान कर रही है । क्लेम अस्वीकृत करने की दर की बात करें तो यह मात्र 0.3 फ़ीसदी है ।
योजना सचिव ने कुछ निजी अस्पतालों से अतिरिक्त शुल्क लेने की शिकायतों का भी उल्लेख किया है और उन्होंने यह भी बताया कि ऐसी घटनाएं फिर से नहीं दोहराई जानी चाहिए ।