मिलेगी आधार नंबर सरेंडर करने की आजादी सरकार का नया प्लान
केंद्र सरकार आधार एक्ट संशोधन के प्रस्ताव को आखिरी रूप देने में लगी है, जिसके बाद सभी आम नागरिकों को यह आजादी मिल जाएगी की वह अपने बायोमेट्रिक और समस्त डाटा को आधार नंबर सरेंडर कर सदैव के लिए डिलीट करा सकते है ।
ये भी पढ़ें , आधार कार्ड खो गया हैं बिना सेंटर गए आप आधार कार्ड को बहुत ही आसानी से प्रिंट यहां से कर सकते हो
आधार कार्ड पर रोज उठ रहे सवाल को लेकर एक बहुत बड़ा बदलाव सामने निकल कर आया है जिसके तहत आधार कार्ड धारकों को ऑप्शन दे दिया जाएगा जिसके बदौलत वह अपने आधार कार्ड संख्या को हमेशा के लिए डिलीट कर सकते हैं, और उन्हें आधार कार्ड से हमेशा के लिए छुटकारा भी मिल जाएगा ।
सूत्रों से पता चला है कि केंद्र सरकार आधार एक्ट संशोधन के प्रस्ताव को आखरी रूप देने जा रही है, इस संशोधन के बाद सभी नागरिकों को बायोमैट्रिक्स और डाटा समेत आधार नंबर सरेंडर करने का विकल्प दिया जा सकेगा ।
प्रस्ताव के अनुसार जो कोई नागरिक आधार से अपना नाम हटबाता है उसकी पूरी जानकारी को भी हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाएगा ।
यूजर्स की जानकारी UIDAI तब ही लेती है जब कोई यूजर खुद को आधार के तहत इनरोल करवाता है ।
द हिंदू की खबर के अनुसार ऐसा सितंबर में सुप्रीम कोर्ट का फैसला जो कि आधार कार्ड की अनिवार्यता पर था के आने के बाद से किया जा रहा है ।
ये भी पढ़ें ,UIDAI ने बैंक से कहा आधार आधारित भुगतान प्रणाली नहीं होनी चाहिए बंद
सुप्रीम कोर्ट ने विचार विमर्श करने के बाद कुछ शर्तों के साथ आधार कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दी थी, लेकिन साथ ही कई चीजों के साथ आधार कार्ड की वैद्यता को भी बरकरार रखा ।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आधार एक्ट के सेक्शन 57 को समाप्त कर दिया था, जिसके अनुसार कोई भी प्राइवेट कंपनियां वेरीफिकेशन के लिए आधार कार्ड संख्या की मांग नहीं कर सकती और साथ ही बैंक खाता खोलने और नया सिम कार्ड लेने के लिए भी आधार कार्ड जरूरी नहीं है और इसे असंवैधानिक भी करार दिया गया है ।
प्रारंभिक प्रस्ताव भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के द्वारा तैयार किया गया था । जिसके तहत कहा गया था कि बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है तो उसे यह तय करने के लिए 6 महीनों का अतिरिक्त समय दिया जाएगा ,की वह अपना आधार नंबर वापस करना चाहता है या नहीं ।
ये भी पढ़ें ,BSNL के 3000 सेंटर पर उपलब्ध होंगे आधार कार्ड की सेवाएं
यह प्रस्ताव केवल उन्हीं लोगों के लिए लाभकारी होगा जिसके पास पैन कार्ड नहीं है क्योंकि अदालत ने पैन कार्ड के लिए आधार की अनिवार्यता को बरकरार रखा है । बता देते हैं कि 12 मार्च 2018 तक 37.50 करोड़ से अधिक पैन कार्ड बनाए गए थे , इनमें से लोगों को जारी किया गया पैन कार्ड 36.54 करोड़ से भी अधिक था , जिसमें से 16.84 करोड़ पैन कार्ड आधार कार्ड से जुड़े हुए हैं ।